जिसे हम पालते-पोसते, वही हमें जी भर कोसते।। अधिक पाने की चाहत में, अपनी लालच नहीं रोकते।। मेरी सीना छेदकर के लोग, अनियंत्रित पानी निकालते।। फैक्ट्रियों से धुआं उड़ाकर, वातावरण को प्रदूषित करते।। जमीन पर कचरा उड़ेलकर, उपजाऊ जमीन बंजर करते।। पेड़-पौधे काटकर धरती को, हरियाली चादर विहीन करते।। रासायनिक उर्वरक डाल के, लाभदायक मित्रों को मारते।। जब देखें मानव अत्याचार, वह धरती को दुखी कर दे।। #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर बात समझता है। #धरती #earthday #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi