दहकती आग के लपटो में झुलसी बस्तर को दरकार है बारिश के कुछ फुहार की विष के कतरो में लिपटी बस्तर को इंतजार है एक बेहतर इलाज की अशिक्षा असुविधा कुपोषण भुखमरी में लिप्त बस्तर को चाह है सरकार के विकाश की संविधान में मिले अधिकार की आश करता बस्तर का सारा आदिवासी है गर लड़े आदिवासी अपने अधिकार के लिए तो बस्तर का हर आदिवासी नक्सलवादी है कहने को संविधान मिला संविधान में अधिकार मिला पर धरातल की कहानी कुछ और है आज आजादी के 70 साल बाद भी अपना अधिकार मांग रहा बस्तर का एक एक आदिवासी है पेसा कानून वन अधिकार और अनुसूची क्षेत्र का अधिकार मिला गर मांगे बस्तर का आदिवासी ये अधिकार तो बदले में सिर्फ उन्हें बंदूक का वार मिला जमीने लूटो घर उजाड़ो और गढ़ लो नक्सलवाद की झूठी कहानी बस्तर का आदिवासी भोला है सह लेगा तुम्हारी हर एक ज्यादती गर करे विद्रोह आदिवासी तो बना के उन्हें नक्सलवादी बन्दूक के नोक पे तुम खत्म कर दो बस्तर की एक और क्रांति ©Anmol Mandavi बस्तर नर संहार बंद हो 🙌🙌