उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने तो बहुत ही नियोजित प्रश्न उठाया उपराष्ट्रपति का यह कथन स्वार्थ उचित है कि स्वर समिति से पारित संविधान संशोधन कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद उस पर संसद में जरा भी बहस क्यों नहीं हुई संसद को उसे दोबारा पास करके पुनर्विचार याचिका के तौर पर सुप्रीम कोर्ट भेजना चाहिए था कॉलेजियम व्यवस्था सिर्फ भारत में ही क्यों है इसी के इस खामियों का और अपारदर्शी होने का पता चलता है वैसे भी सुप्रीम कोर्ट अनेक बार ऐसी टिप्पणियां कर चुका है और फैसले दे चुका है जो उसके स्तर में नहीं है ©Ek villain #writer कोलेजियम व्यवस्था में सुधार हो सुप्रीम कोर्ट