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आगे ही बड़ते रहना विकास का प्रतीक है। ठहर कर रुक जा

आगे ही बड़ते रहना
विकास का प्रतीक है।
ठहर कर रुक जाना,
नहीं कभी भी ठीक है।
बहता पानी ताजा रहता,
सड़ जाता है ठहरा पानी।
वक्त से आगे जो है रहते,
वही लिखते है नई कहानी।
चरेवेति चरेवेति का रख ध्यान,
बड़ाते रहे सदा अपने कदम।
प्रफ्फुलित रहेगा फिर जीवन,
जब तक रहेगा श्वासों में दम।

©Kamlesh Kandpal
  #prgati