पलायन-migration पूरी कविता कैप्शन में पढ़े #पलायन-कविता पलायन पर आधारित है, comment kr apni राय जरूर दे, छूट गया गांव मेरा शहर की रफ्तार में ,विकास की धार में, परिवार से कोसो दूर निकल पड़े थे हम भी उज्जवल भविष्य की आड़ में, फिर कभी याद ही नही आया गांव मेरा ,मुझे शहर की रफतार में विकास की धार में , शायद सुबह की शामो में ज्यादा ही शान्ति का शोर था,