मैं हार गई थी सर्व जगत, प्राणों ने मेरा त्याग किया तो जाकर अपने सर्व पिता से मैंने आलाप- प्रतिवाद किया। हे परमपिता, हे कृष्ण मेरे, तुमको क्षण-क्षण माना मैंने, सुख-दुख सारे अर्पण तुमको, किस व्यथा में तुमने साथ दिया? अंतर्यामी, है जग स्वामी, क्यों दुख मेरा तुमने न बुझा? तुमसे मृदुल है जनक पिता मेरे हेतु सब त्याग दिया! "जिस जनक पिता ने सर्व लिटाया उसको ही ठुकराया तुमने भाग्यहीन की मदद न कोई " मुझको तुमने अवाक किया। #krishna #parampita #yqdidi