महक पतझड़ों की सी,इस गुल-ए-बहार में है, कहाँ हो तुम के हम इंतज़ार में हैं... इन आँखों के सावन हर मौसम बरसते हैं और, तपती धूप सी झुलस इस दिल-ए-बेक़रार में है..।। #पतझड़ #बहार #सावन #झुलस #yourquotehindi #hindi #hindipoetry #hindiquotes