जान-ए-जिगर! ज़रा ये तो बता। तुझसे बेइंतहा मोहब्बत करके, कर दी मैंने ऐसी कौन सी ख़ता! ग़र ले ली तूने मेरे दिल में पनाह! तो कुछ कसूर तेरा भी तो है, किया तूने भी एक गंभीर ग़ुनाह। Pic Credit: Poets 786❤️ Week 4, Day 6 Topic: Love(हिंदी) Prompt: पनाह, ग़ुनाह Lines: 6 ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ Prompt by- Sasmita Nayak di❤️ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~