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(ईश्वर.. God.. राम.. अल्लाह..) क्या वास्तव में इ

(ईश्वर.. God.. राम.. अल्लाह..) 

क्या वास्तव में इन शब्दों का कोई अस्तित्व है? 
या फिर यह इंसानी मन की एक उपज मात्र है?
जिसका इस्तेमाल हम सब अपने अपने हिसाब से करते हैं!
हम अपने दैनिक जीवन में अपने बुद्धि-विवेक का
बखूबी इस्तेमाल करते हैं, विषय वस्तु के लेन देन में
नाप तौल का अच्छा ख़ासा ख़्याल भी रखते हैं 
तो फिर इस विषय में क्यों नहीं?
अब अगर कोई ये कहे कि 'ये सभी' विषय वस्तु नहीं
है, तो उनसे जिज्ञासावश मेरा प्रश्न है कि - 
"फिर इनके लिए लड़ते झगड़ते क्यों हैं? 
"क्यों इन्हें 'ये तेरा' 'ये मेरा' कहकर बाँट देते हैं?"
"क्यों अपने हक़ में वाले को श्रेष्ठ और दूसरों के हक़
वाले को निम्न दिखाते हैं?" क्या इन प्रश्नों के उत्तर हैं किसी के पास?
है तो कृपया हमें भी अवगत कराएँ.. 🙏

नोट - इस लेखन का उद्देश्य किसी की भावना या
        विश्वास को ठेस पहुँचाना नहीं है!

#ishwar
#god
(ईश्वर.. God.. राम.. अल्लाह..) 

क्या वास्तव में इन शब्दों का कोई अस्तित्व है? 
या फिर यह इंसानी मन की एक उपज मात्र है?
जिसका इस्तेमाल हम सब अपने अपने हिसाब से करते हैं!
हम अपने दैनिक जीवन में अपने बुद्धि-विवेक का
बखूबी इस्तेमाल करते हैं, विषय वस्तु के लेन देन में
नाप तौल का अच्छा ख़ासा ख़्याल भी रखते हैं 
तो फिर इस विषय में क्यों नहीं?
अब अगर कोई ये कहे कि 'ये सभी' विषय वस्तु नहीं
है, तो उनसे जिज्ञासावश मेरा प्रश्न है कि - 
"फिर इनके लिए लड़ते झगड़ते क्यों हैं? 
"क्यों इन्हें 'ये तेरा' 'ये मेरा' कहकर बाँट देते हैं?"
"क्यों अपने हक़ में वाले को श्रेष्ठ और दूसरों के हक़
वाले को निम्न दिखाते हैं?" क्या इन प्रश्नों के उत्तर हैं किसी के पास?
है तो कृपया हमें भी अवगत कराएँ.. 🙏

नोट - इस लेखन का उद्देश्य किसी की भावना या
        विश्वास को ठेस पहुँचाना नहीं है!

#ishwar
#god