जाति पति के भेद को बचपन से झेला उम्र छोटी होते हुऐ भी कई गुना उम्र दराज इंसान से नासमझी की शादी को झेला फिर जाति पाती का नाम देकर कई राक्षसों ने उसकी इज्जत से खेला इज्जत के इंसाफ के लिए दर दर भटकी लेकिन फिर किसी ने उसके जख्मों ना देखा डाकुओ के जुल्को को भी सहा लेकिन एक दिन अपने मन को हिम्मत देकर उन डाकुओ की डोली में शामिल हो गई फिर उसने अपनी इज्जत का बदला गिन गिन कर लिया सभी को एक लाइन में खड़ा कर उनके जाति पाती के रसूको को बंदूक की गोली घालकर मौत के हवाले किया मन में हो चिंगारी फूलन सी अपनी इज्ज़त का बदला लेकर ली सुकून सांस की। ©Sita Kumari #जातिवाद #गैंगरैप #BanditQueen