White एक शून्य जिस पर टिका है सारा ब्रह्मांड साईकिल का पहिया हवाई जहाज का टायर घर की नींव धरती की धुरी एक अदृश्य शून्य जिस पर शुरू होता रंगीन रंगमंच जो आंखों के सामने है पर कहां है वो अदृश्य शून्य जो हमसे ब्रह्मांड जितना दूर है या वो शून्य जिससे वो ब्रह्मांड शुरू होता है गीता तुम अबूझ हो ऊंगली थाम चुके थे कभी भारत के जंगली।।।।।।।। अब ढूंढ रहे हैं दूरबीन से, अध्यात्म🥹 आत्म हरि ॐ ©Ram Yadav #Sad_Status #अध्यात्म