जो आए नर नारी। करते सब पर कृपा तुम बाँके बिहारी।। इंद्र के कोप का भाजन कर कहलाए गिरधारी। चक्र सुदर्शन धारण कर कहलाए सुदर्शनधारी!! तेरी लीला अपरम्पार हे मुरलीधर मोहन मुरारी। जाऊँ नन्दलाल बलिहारी जय हो वृंदावन बिहारी।। जो आए नर नारी। करते सब पर कृपा तुम बाँके बिहारी।। इंद्र के कोप का भाजन कर कहलाए गिरधारी। चक्र सुदर्शन धारण कर कहलाए सुदर्शनधारी!!