अगर तुम ऑनलाइन हो तो मेरी वाॅल पर आओ कभी देखो कि सब ग़ज़लें उदासी का इशारा हैं ज़रा परखो सभी नज़्में बहुत ख़ामोश रहती हैं बहुत बेरंग हैं अल्फ़ाज़ मेरे ख़्वाब बेरौनक़ बहुत लाइक भी मिलते हैं मगर उनमें नहीं हो तुम कोई दो अल्फ़ाज़ कह डालो मेरी तस्कीन हो जाए जो पूरी वाॅल फीकी है अभी रंगीन हो जाए | #आॅनलाइन #ग़ज़ल #उदासी_का_इशारा