✍️ मैं भी तेरा शिकार हो गया.. जिससे अछूता था आज वही काम हो गया.. तुम्हारे कुकर्मों से मामला आज सरेआम हो गया.. साइबर तेरा आज मैं शिकार हो गया.. तुमने न जाने कितनों से पैसे मांगे.. ना जाने कितने दिलो को तूने ठेस पहुंचाई.. तुमने न जाने कितनों को लूटा है.. तुम क्या जानो पीर पराई.. कृष्ण कान्त मिश्र साइबर क्राइम