"मैं खामोश हूं" मैं खामोश रहूं , मैं सब कुछ सहूं। मैं अन्याय को नजरंदाज करूं। क्यों की मैं सिधा और सभ्य हूं दुसरो कि पीड़ा से मैं बेसुध रहूं। जब तब मुझ पर कोई आंच ना आए तब तक मैं क्यों जागूं । मैं खामोश रहूं मैं सब कुछ सहूं । क्यों की मैं सिधा और सभ्य हूं। ©Milan Sinha आज के सामाजिक परिवेश पर एक छोटी सी कोशिश की है । उम्मीद है पसंद आयेगी। #समाज #परिवेश #परिवर्तन #life #society #morality #respect #ZeroDiscrimination