क्यू मुझे तड़पा रही हो, क्यू मुझसे दूरियाँ बढ़ा रही हो, आओ और क़रीब आओ मेरे इतना की, बस सिमट जाओ मेरी आगोश में। ना सहा जाता है ये फ़ासला, ना ही रहा जा सकता है है तुम्हारे बिना, ना ही कहीं जी लगता है, ना ही कहीं मिलती है तसल्ली तुम बिन। ये फैसला मिटाकर, करीब आओ मेरे इतना की, ना गुजर पाए, एक हवा का झोंका भी हमारे दरमियां। बिठाना है तुमको पलकों पर, रखना है तुझे अपने दिल में, बांधना है तुझे पवित्र रिश्ते में, और बनाना है तुझे मेरी जिंदगी का हिस्सा। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1050 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।