इतना हिसाब क्या करना, बेहिसाब रहने दे, सुकून की तलाश क्या करूँ, बेताब रहने दे। तभी तो मज़ा आएगा जिंदगी जीने का, आँखों की नमी में कुछ अधूरे ख्वाब रहने दे। ©Aarzoo smriti अधूरे ख्वाब रहने दे