अपनें दर्द से मैं दगा कर लूं एक बार फिर खुद को इश्क़ में फना कर लूं यूं तो नफरत सी हैं अब मोहब्बत से मुझे तु कहें तो सुलह कर लूं इश्क अगर गुनाह हैं, तो ऐ दिल एक बार फिर मैं ये गुनाह कर लूं tu kahe to sulah kar lu.....