हम यूँही तो मिले थे उस दिन, बिना कोई जान-पहचान के मिले थे उस दिन... हमे मालुम नहीं था तब की, हम को मिलने वाला हैं, एक सच्चा साथी... प्यार तो नहीं हैं मूझे तुझ से, मै तुझे एक सच्चा दोस्त मानती हू, दिल से... हम मे दोस्ती तो हैं, पर शायद उससे बढ़कर भी कुछ तो हैं, मैं ये जानती हू के वो प्यार नहीं हैं, पर हाँ समाज उसे आज कल प्यार कहने लगा हैं... हम एक दूसरे से प्यार तो नहीं करते हैं, पर हाँ हम एक दूसरे से नफरत भी तो नहीं करते हैं ... इसलिए तो तेरा जाना , मैंने बिना कुछ कहे माना... पर आज तेरे जाने के बाद अधूरी हू मै, मेरे और तेरे अधूरे सपने के साथ, अधूरी हू मै... शायर तो नहीं हू मै, पर तेरे जाने से, शायर बन गई हू मै.. क्यूँकी समाज को बताना चाहती हू मै, हमारा रिश्ता क्या है... #NojotoQuote दोस्ती #दोस्ती