करली बकवास? उड़ा ली अफ़वा? बना लिया तमाशा? करली नकाबपोशी? सच्चाई तुमसे बर्दाश्त नहीं हुई, दी हुई इज्ज़त तुम्हें रास नहीं आई, फर्क नहीं पड़ता मेरे भाई, पर याद रख जो समय है किया, तुमने मेरा बर्बाद, पाई पाई राई निकाल कर करवानी तुमसे भरपाई, तुम पीछे से वार करते हो, मैं कह कर लिखकर चिट्ठी भेजकर तुम्हें पूरी तैयारी का मौका देकर वार करता हूं, किसी के कमज़ोर समय पर उसपर वार करना शौर्य नहीं बुज्दिली और कायरता का प्रतीक है, तुम्हारे अत्याचारों का अंत अब समीप है। ©Akhil Kael Fck off two face A ho's #Anger