शब्दों में मेरे शक्ति अपार हो पुष्प सी कोमलता, कृपाण सा धार हो लेखनी से मेरी सदा ही जनोध्दार हो शीश पर मेरी कर अपना रख दो मां वीणा वादिनी वर दो।। ©Yaminee Suryaja सरस्वती पूजा