इश्क़ का दिन है चलो इश्क़ लिखें जो सच्चा होता है ना, वो इश्क़ लिखें रोज़ सुबह जो पापा का टिफिन बनाती है गुस्से में हों पापा, तो बातें सुन जाती हैं इसे उनकी मज़बूरी कहें या बस इश्क़ लिखें 70 बर्ष की मेरी दादी , भले ही कितना थक जाती हैं शाम को जब आते हैं दादा, तो उनके पैर दबाती हैं इसे उनका काम कहें या बस इश्क़ लिखें एक मेरे पिता जो साल के किसी भी दिन छुट्टी नहीं लेते सर्दी, गर्मी, बरसात कई बहाने होते हैं, पर वो बहाने नहीं देते इसे उनका फ़र्ज़ कहें या बस इश्क़ लिखें तपते हो जब तुम बुखार में वो माथा सहला देती हैं परीक्षाएं हों तुम्हारी, वो ख़ुद को जगा देती हैं अब तुम ही बताओ vibhor, हम शीर्षक माँ लिखें या बस इश्क़ लिखें। इश्क़ का दिन है चलो इश्क़ लिखें जो सच्चा होता है ना, वो इश्क़ लिखें Suman Zaniyan Ashish Rana@.... shivam kumar mishra रोहित तिवारी । A.sahu🖋️ 📒 #maa#syahi2