Unsplash ये ग़म-ए-हिज़्र है तोहफा दिया हुआ तेरा.. अब भी ताज़ा है ये ग़म मैंने संभाला यूँ है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #अब भी ताज़ा है ये ग़म....