मेरी आंखों में दशकों दृढ़ता से ठहरे निरूत्तरित प्रश्न.... काई से जमे उस निरीह दीन भिक्षुक की तरह हैं किंचित दुत्कार तिरस्कार से अप्रभावित अपेक्षित भाव से प्रतीक्षारत... तितिक्षु सहिष्णु आशान्वित!! कलुषित मन की कटुता के पिघल कर बह जाने के इन्तज़ार में आज भी खड़े हैं!! प्रीति #निरूत्तर #आशाअपेक्षा #तितिक्षु: सुख दुःख सहने की शक्ति रखने वाला #सहिष्णु : सहनशील #yqhindiquotes #yqhindi