मायूसी, उदासी से जिंदगी शमश़ान लगती है, हो हौंसला गर बुलंद तो आसमान लगती है|| करने को तो करें लाख़ो गिले-शिकवे खुदा से, माने रहमत उसकी तो रब का वरदान लगती है|| मुफ़लिसी को कोसना, दर्द में अक्सर रोना सबका, संयम हो दिल में गर तो यह सम्मान लगती है|| रखना तू 'कुमार' को हर एब-ओ-फ़रेब से दूर, रह के ईमान, से ख़ुशियों का बागबान लगती है|| © जय कुमार #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #ghazal #ग़ज़ल #शमशान #आसमान #वरदान #सम्मान #बागबान #she'r #she'r #kumaarsher #rona #शिकवा #मुफलिसी