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#OpenPoetry लेकर बूंदो की बारात को बादल आग बुझाने

#OpenPoetry लेकर बूंदो की बारात को 
बादल आग बुझाने आया हैं 
या आग लगाने आया हैं
ठंडे ठंडे जल से
दिल को जलाने आया हैं 
या मन को जगाने आया हैं
नहीं चाहिए तेरी हमदर्दी मुझे
ले जा अपनी बारात तू
छम-छम,टप-टप, कल-कल
बजती शहनाई को ले जा 
अपने साथ तू
नहीं हैं जरूरत नहीं चाहिए
तेरा घनघोर साया
किस उम्मीद से तू
कोहरे का सेहरा बांध के आया
पहन कर हरियाली का कोट
तू मुझे लुभा न सका
रूठी थी में रूठी रही
बदलता हुआ तेरा रूप मुझें
मना न सका 
दिल्लगी न कर यूँ बार बार आकर और जाकर
तेरी दुल्हन मुझे बनना नहीं 
क्या पायेगा मुझे मनाकर #OpenPoetry
#OpenPoetry लेकर बूंदो की बारात को 
बादल आग बुझाने आया हैं 
या आग लगाने आया हैं
ठंडे ठंडे जल से
दिल को जलाने आया हैं 
या मन को जगाने आया हैं
नहीं चाहिए तेरी हमदर्दी मुझे
ले जा अपनी बारात तू
छम-छम,टप-टप, कल-कल
बजती शहनाई को ले जा 
अपने साथ तू
नहीं हैं जरूरत नहीं चाहिए
तेरा घनघोर साया
किस उम्मीद से तू
कोहरे का सेहरा बांध के आया
पहन कर हरियाली का कोट
तू मुझे लुभा न सका
रूठी थी में रूठी रही
बदलता हुआ तेरा रूप मुझें
मना न सका 
दिल्लगी न कर यूँ बार बार आकर और जाकर
तेरी दुल्हन मुझे बनना नहीं 
क्या पायेगा मुझे मनाकर #OpenPoetry
brrawat2001

भानु

Bronze Star
New Creator