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काश कोई अपना होता जो सपना नहीं दिखाता आखों में जो

काश कोई अपना होता जो
सपना नहीं दिखाता
आखों में जो आसू होते
उसको भी पढ़ पाता
काश कोई......
अक्सर लोग तो अपना हिस्सा
भी मेरा बतलाते
चुपके चुपके दे करके वो
फिर मुझसे कतराते
मैं तो "सूर्य " हूं काश कोई
मेरे संग ढल जाता
काश कोई......

©R K Mishra " सूर्य "
  #काश़