#FourLinePoetry मन के हारे हार है मन के जीते जीत । कहे कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत । जीवन में जय पराजय केवल मन की भावनाएं हैं,यदि मनुष्य मन से हार गया–निराश हो गया तो पराजय है और यदि उसने मन को जीत लिया तो वह विजेता है,ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही पा सकते हैं –यदि प्राप्ति का भरोसा ही नहीं तो कैसे पाएंगे ? 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' जय पराजय