सादत हसन मंटो "मंटो" मंटो की कहानी का एक किरदार है, जैसे मंटो की रचनाएं एक जखजोर देने वाला सच थीं शायद कहने का लहजा कड़वा था बिल्कुल नीम की तरह, पर जो उस कड़वाहट को पी गया उसका खून और मस्तिष्क साफ हो जाता, लेकिन आज कल इंसान शायद "इंसान" कहना गलत होगा जो मीठा सिरप पीने का आदि है वही मीठा सिरप जो आगे जाकर उसके लहू को इस कदर गड़ा कर देती हैं कि दिमाग तक खून जाना ही बंद हो जाता है, जैसा कि मैंने कहा कि मंटो "मंटो" की रचना का एक किरदार है क्योंकि वो किरदार ही रहे तो अच्छा है क्योंकि वो जमीनी हकीकत जब जमीन पर आती है तो हमारे पैरो तले जमीन ही नही रह जाती..... हिंदुस्तान जिंदाबाद, मंटो जिंदाबाद लेखक-मानस राज सिंह"नीम" सादत हसन मंटो लेखक - मानस राज सिंह "मंटो" मंटो की कहानी का एक किरदार है, जैसे मंटो की रचनाएं एक जखजोर देने वाला सच थीं शायद कहने का लहजा कड़वा था बिल्कुल नीम की तरह, पर जो उस कड़वाहट को पी गया उसका खून और मस्तिष्क साफ हो जाता, लेकिन आज कल इंसान शायद "इंसान" कहना गलत होगा जो मीठा सिरप पीने का आदि है वही मीठा सिरप जो आगे जाकर उसके लहू को इस कदर गड़ा कर देती हैं कि दिमाग तक खून जाना ही बंद हो जाता है, जैसा कि मैंने कहा कि मंटो "मंटो" की रचना का एक किरदार है क्योंकि वो किरदार ही रहे तो अच्छा है क्य