Nojoto: Largest Storytelling Platform

उम्र तकरीबन दस साल रही होगी. आज ही की तरह होली का

उम्र तकरीबन दस साल रही होगी. आज ही की तरह होली का दिन था. मेरे मोहल्ले के एक लड़के ने मेरे मूँह पे रंग भरा गुब्बारा फोड़ दिया. "फ़चाक" की आवाज़ के साथ ही वहाँ खड़ा हर कोई ठहाके मार कर मुझपे हँसने लगा. उसका ये मज़ाक मुझे पसंद नहीं आया और मैंने उसको एक जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया. चार घंटे बाद ही वह अपने भाई को ले आया और उन दोनों ने मिलकर मुझे बहुत पीटा. अगले दिन स्कूल में मेरे कुछ दोस्तों ने मिलकर उसपे लात घूँसों की बरसात कर दी. कुछ दिन वह स्कूल नहीं आया मगर जिस दिन वापस आया उसने और उसके दोस्तों ने मुझे हॉकी से पीटा. एक महीने के अंदर ही मैने भी उसका सिर फोड़ दिया और बदला ले लिया.
 
ये लड़ाई कभी ख़त्म नहीं हुई . ना उसने कभी शहर बदला, ना मैने कभी मकान बदला. हम दोनों आज भी उसी मोहल्ले उसी इलाक़े मे रहते हैं. हम दोनों हमेशा से दुश्मन रहे और इसी दुश्मनी के बीच हम बड़े भी हो गये. आज भी दफ़्तर जाते हुए उसकी दुकान के सामने से निकलता हूँ तो  ना वह कुछ बोलता है ना मैं कुछ कहता हूँ. हमारी बोलचाल इस हद तक बंद थी कि ना उसने मुझे अपनी शादी पे बुलाया ना मैने ही उसको अपनी शादी का कार्ड भेजा. हम आज भी एक दूसरे को फूटी नज़र नहीं सुहाते.  

खैर!! कल की होली बहुत खास थी. मोहल्ले में सभी बच्चे जब होली खेल रहे थे तब उसके सात साल के बेटे ने खेल खेल में मेरे बेटे के गाल पे एक रंग भरा गुब्बारा फोड़ दिया. आसपास जो भी था ठहाके मार के हँसने लगा. मैं ये नज़ारा अपनी छत पे खड़ा हो कर देख रहा था. मुझे लगा जैसे मेरा बचपन एक बार फिर से मेरे सामने आ गया हो. आगे होने वाली लड़ाई को रोकने के लिए मैं भागा भागा मोहल्ले में गया तो क्या देखता हूँ कि मेरा बेटा भी उसके बेटे के उपर गुब्बारे फोड़ रहा है. दोनो हँस हँस के एक दूसरे के उपर गुब्बारे फोड़ रहे हैं और खूब मस्ती कर रहे है. ना जाने क्यों, मेरी आँखों से आँसू निकल आए !!

मैं सोच में डूब गया कि क्या इतना आसान था जिंदगी भर की दुश्मनी को रोक पाना? उस दिन उसके गुब्बारे का जवाब मैं थप्पड़ से ना दे कर एक गुब्बारे से दे देता तो शायद मेरे पास एक दोस्त ज़्यादा होता और एक दुश्मन कम.  मित्रों !! होली रंगों का पर्व है, इसे रंजिशों का पर्व ना बनाए. होली मुबारक !! #NojotoQuote Holi Hai !!
उम्र तकरीबन दस साल रही होगी. आज ही की तरह होली का दिन था. मेरे मोहल्ले के एक लड़के ने मेरे मूँह पे रंग भरा गुब्बारा फोड़ दिया. "फ़चाक" की आवाज़ के साथ ही वहाँ खड़ा हर कोई ठहाके मार कर मुझपे हँसने लगा. उसका ये मज़ाक मुझे पसंद नहीं आया और मैंने उसको एक जोरदार थप्पड़ रसीद कर दिया. चार घंटे बाद ही वह अपने भाई को ले आया और उन दोनों ने मिलकर मुझे बहुत पीटा. अगले दिन स्कूल में मेरे कुछ दोस्तों ने मिलकर उसपे लात घूँसों की बरसात कर दी. कुछ दिन वह स्कूल नहीं आया मगर जिस दिन वापस आया उसने और उसके दोस्तों ने मुझे हॉकी से पीटा. एक महीने के अंदर ही मैने भी उसका सिर फोड़ दिया और बदला ले लिया.
 
ये लड़ाई कभी ख़त्म नहीं हुई . ना उसने कभी शहर बदला, ना मैने कभी मकान बदला. हम दोनों आज भी उसी मोहल्ले उसी इलाक़े मे रहते हैं. हम दोनों हमेशा से दुश्मन रहे और इसी दुश्मनी के बीच हम बड़े भी हो गये. आज भी दफ़्तर जाते हुए उसकी दुकान के सामने से निकलता हूँ तो  ना वह कुछ बोलता है ना मैं कुछ कहता हूँ. हमारी बोलचाल इस हद तक बंद थी कि ना उसने मुझे अपनी शादी पे बुलाया ना मैने ही उसको अपनी शादी का कार्ड भेजा. हम आज भी एक दूसरे को फूटी नज़र नहीं सुहाते.  

खैर!! कल की होली बहुत खास थी. मोहल्ले में सभी बच्चे जब होली खेल रहे थे तब उसके सात साल के बेटे ने खेल खेल में मेरे बेटे के गाल पे एक रंग भरा गुब्बारा फोड़ दिया. आसपास जो भी था ठहाके मार के हँसने लगा. मैं ये नज़ारा अपनी छत पे खड़ा हो कर देख रहा था. मुझे लगा जैसे मेरा बचपन एक बार फिर से मेरे सामने आ गया हो. आगे होने वाली लड़ाई को रोकने के लिए मैं भागा भागा मोहल्ले में गया तो क्या देखता हूँ कि मेरा बेटा भी उसके बेटे के उपर गुब्बारे फोड़ रहा है. दोनो हँस हँस के एक दूसरे के उपर गुब्बारे फोड़ रहे हैं और खूब मस्ती कर रहे है. ना जाने क्यों, मेरी आँखों से आँसू निकल आए !!

मैं सोच में डूब गया कि क्या इतना आसान था जिंदगी भर की दुश्मनी को रोक पाना? उस दिन उसके गुब्बारे का जवाब मैं थप्पड़ से ना दे कर एक गुब्बारे से दे देता तो शायद मेरे पास एक दोस्त ज़्यादा होता और एक दुश्मन कम.  मित्रों !! होली रंगों का पर्व है, इसे रंजिशों का पर्व ना बनाए. होली मुबारक !! #NojotoQuote Holi Hai !!
rahulmishra7749

Rahul Mishra

New Creator