गीत: हम जो ग़ज़ल गीतों की तरफ आये है ये तुम्हारे ही प्रेम का निर्वाह है तुम्हारी यादो का आरोह,अवरोह क्रम कभी घटता है और कभी बढ़ता भी है फिर किसी रूप में तुम्हारा पुनः आगमन उस घडी ये क्रम फिर सिमटता भी है तुमसे उम्मीद कोई किए ही नही हम कहाँ तुम्हारे हमराह है तुम्हारे होने से पहले किसी के न थे तुम्हारे बाद किसी के न हो पाएंगे हम से कोई वचन अब न मांगे कोई हम कोई भी वचन न निभा पाएंगे मुझमे बहती हुई एक नदी सी हो तुम जिनमे यादो की धरा का प्रवाह है nojoto hindi geet