हमे भुल जाना तो उनकी तो रोज की आदत हैं पर हम हैं की उसे हर पल याद करते हैं दिखावा करने मैं तो ओ माहीर हैं पर सामने आते ही हमसे आंखे मिलाने की हिम्मत नहीं होती हैं उसकी धीरे धीरे समज आ रहा हैं कितने करिब थीं तु.... पर मेरे दिलं के बहोत करिब का हिस्सा थी तू तू भी अब गैरो सी लगती हैं.... देर ही सही पर पता चला. ©Shubhangi Sutar #दिलंकेकरिब