"शाम का इशारा है" गिरा लो स्याह सी ज़ुल्फ़ें घटा काली हसीं रुख़सार पर अपने.. किरण भी छुप रही सागर के सीने में दिखाकर चांद के सपने। खुली आंखों से दिल भर लो बड़ा ही खूबसूरत यह नज़ारा है.. गुलाबी होंठ से छू कर चाय चाहत कर दो यही" शाम का इशारा" है। शाम का इशारा है