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अरसा हुआ तुम्हें लिखे, सोचा आज मोहब्बत लिख दूँ...

अरसा हुआ तुम्हें लिखे, सोचा आज मोहब्बत लिख दूँ...
देखा था तुम्हारे गालों पर जो काला तिल , सोचा आज उसे लिख दूँ.....

कि उस गली पर आज भी हर शाम तेरा इन्तजार करता हूं , सोचा आज वो तुझसे पहली मुलाकात लिख दूँ...

देखा था तूने मुझे जिस नजर से ,सोचा आज वो नशीली अदा लिख दू....
चाह कर भी तेरा इकरार न कर पाना, इजाजत हो तो वो इन्कार लिख दू ....
Dr.Vishal Singh 

वात्सल्य 


 भूल जाऊँ तुम्हें पर ये मुम्किन नहीं...
#भूलजाऊँतुम्हें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
अरसा हुआ तुम्हें लिखे, सोचा आज मोहब्बत लिख दूँ...
देखा था तुम्हारे गालों पर जो काला तिल , सोचा आज उसे लिख दूँ.....

कि उस गली पर आज भी हर शाम तेरा इन्तजार करता हूं , सोचा आज वो तुझसे पहली मुलाकात लिख दूँ...

देखा था तूने मुझे जिस नजर से ,सोचा आज वो नशीली अदा लिख दू....
चाह कर भी तेरा इकरार न कर पाना, इजाजत हो तो वो इन्कार लिख दू ....
Dr.Vishal Singh 

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 भूल जाऊँ तुम्हें पर ये मुम्किन नहीं...
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