कितने बरस तो उसे मनाने में लगे, उसे पटाने में तो हमको जमाने लगे। बड़ी ही मुश्किल से जब वह पट गई, तब तो पास आने में भी शर्माने लगे।। रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिन्गेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़ ©GUNENDRASINGHPORTE शर्माने लगे #feelings