Nojoto: Largest Storytelling Platform

कोरा कागज़ , हाथ मे कलम। भावनाओं का भँवर , लिखने क

कोरा कागज़ , हाथ मे कलम।
 भावनाओं का भँवर , लिखने को उत्तेजित मन।।
अजीब सा कोलाहल , भाषा का विचार।
शब्दों का जनजाल , असमंजस मे हम।।


लिखुँ कुछ नया , या पुराने को ही जारी रखूँ।
एक अजीब सी उलझन मे हूँ , कि कहानि कैसे पूरी करूँ।।

कमल की कोमलता कहूँ , या कलम मे अश्क भर दूँ।
लिख दूँ फूलों की महक , या काँटों की सच्चाई बयां कर दूँ।।

मन मे हैं हजारों ख्यालात , मगर शब्दों को भी कितना भर लूँ।
रोक लूँ खुद को यहीं , या हजारों पन्ने गढ दूँ।।


शब्दों को खूब पिरो लिया पन्नों मे ,
बात को भी चलो खत्म करूँ ।
पर उलझन तो अब भी वहीं है ,
कि कहानि कैसे पूरी करूँ।।        





                                                           - नेहा वशिष्ठ कहानि कैसे पूरी करूँ।।
कोरा कागज़ , हाथ मे कलम।
 भावनाओं का भँवर , लिखने को उत्तेजित मन।।
अजीब सा कोलाहल , भाषा का विचार।
शब्दों का जनजाल , असमंजस मे हम।।


लिखुँ कुछ नया , या पुराने को ही जारी रखूँ।
एक अजीब सी उलझन मे हूँ , कि कहानि कैसे पूरी करूँ।।

कमल की कोमलता कहूँ , या कलम मे अश्क भर दूँ।
लिख दूँ फूलों की महक , या काँटों की सच्चाई बयां कर दूँ।।

मन मे हैं हजारों ख्यालात , मगर शब्दों को भी कितना भर लूँ।
रोक लूँ खुद को यहीं , या हजारों पन्ने गढ दूँ।।


शब्दों को खूब पिरो लिया पन्नों मे ,
बात को भी चलो खत्म करूँ ।
पर उलझन तो अब भी वहीं है ,
कि कहानि कैसे पूरी करूँ।।        





                                                           - नेहा वशिष्ठ कहानि कैसे पूरी करूँ।।