ਪੰਛੀ चिड़िया रानी उड़ गई आसमान की सैर पर घूम घूम के थक गई पेड़ पर आकर बैठ गई सोचा उसने ऐसा भी क्यों ना नवनिर्माण करूं लहरा कर पंख पवन में अपनी राह पर चल पड़ी चिड़िया रानी उड़ गई आसमान की सैर पर बारिश हुई तूफान भी आए अपने पथ पर वह टिकी रही तिनका तिनका बुनकर .... उम्मीदों में हुंकार भरी दिन बीते रात हुई ....... चिड़िया ने उड़ान भरी जो देखा सपना घोसले का अब वह साकार करने चली चिड़िया रानी उड़ गई आसमान की सैर पर ©karthikey poems #चिड़िया