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तुम पर अच्छा लगता है।। एक बात कहूं जो मानो तो, गर

तुम पर अच्छा लगता है।।

एक बात कहूं जो मानो तो,
गर कुछ सच्चा लगता है, 
हसीं ठिठोली चेहरे पर बस,
तुम पर अच्छा लगता है।।

हर श्रृंगार फीका है तुम पर,
बस काजल का व्यवहार करो,
होठों पे लाली, माथे पर बिंदी,
तुम पर अच्छा लगता है।।

ओढ़ चूनर जब बैठो जो तुम,
बस तेरा दीदार करू,
आंखो से आंखो को कहने में
अब कितना इंतजार करूं,
छोटी छोटी बातों में मुंह फूलना,
मुझसे लड़ने की अकुताई,अब भी,
तुम पर अच्छा लगता है।।

बचपन की वो याद पुरानी,
चस्मे वाली दादी नानी,
खेल खिलौने अब भी,
सब कुछ सच्चा लगता है,
तेरे गालों पे पड़ता डिम्पल,

तुम पर अच्छा लगता है।।
तुम पर अच्छा लगता है।।

©Vivek Sharma Bhardwaj #बात #शृंगार #काजल #बिंदी
तुम पर अच्छा लगता है।।

एक बात कहूं जो मानो तो,
गर कुछ सच्चा लगता है, 
हसीं ठिठोली चेहरे पर बस,
तुम पर अच्छा लगता है।।

हर श्रृंगार फीका है तुम पर,
बस काजल का व्यवहार करो,
होठों पे लाली, माथे पर बिंदी,
तुम पर अच्छा लगता है।।

ओढ़ चूनर जब बैठो जो तुम,
बस तेरा दीदार करू,
आंखो से आंखो को कहने में
अब कितना इंतजार करूं,
छोटी छोटी बातों में मुंह फूलना,
मुझसे लड़ने की अकुताई,अब भी,
तुम पर अच्छा लगता है।।

बचपन की वो याद पुरानी,
चस्मे वाली दादी नानी,
खेल खिलौने अब भी,
सब कुछ सच्चा लगता है,
तेरे गालों पे पड़ता डिम्पल,

तुम पर अच्छा लगता है।।
तुम पर अच्छा लगता है।।

©Vivek Sharma Bhardwaj #बात #शृंगार #काजल #बिंदी