इंसान इंसान की हस्ती को मिटा दे यह तो कोई मुकाम नहीं पूछो आज उस मां के हृदय को जिस की झोली में आज लाल नहीं ए खुदा नफरत है मुझे ऐसी दुनिया से जिसके तू खिलाफ नहीं ©Paramjit Singh landran sad #RIPSidhuMoosewala