Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपने दामन में कितने हीं दरिया ने दर्द समेटा है दो

अपने दामन में कितने हीं
दरिया ने दर्द समेटा है 
दो बूंद गिरी बस आंखों से 
और तुम ऐसे घबराते हो ।
मजधर में अगर जाना है 
तो साहिल से टकराना है 
ये बात जहन में रख लेना 
क्यों राह छोड़कर जाते हो।
दो बूंद गिरी बस आंखों से 
और तुम ऐसे घबराते हो ।

©Anuranjan Kumar
  #RaceofLife