वक़्त वक़्त पर ज़माने को आगाह कर चुकी हैं मोहब्बते क्या कुछ नहीं तबाह कर चुकी हैं आप फ़कत हमरे बदनो का वस्ल रोक सकते हैं हमारी रूहे तो कबकी निकाह कर चुकी हैं #khayal #shayari #gazal