जहर खा रहे जहर पी रहे अब सांसों में जहर घुल रहा उदारवादी व्यापार व्यवस्था में जहर घोलने वालों का धंधा दिन दोगुनी फल-फूल रहा बच्चे मरे या बुढ्ढे जवान उनकी आंखों से ना आंसू डुल रहा प्रकृति को लूट रहे हैं जीवन-भक्षक बेस्ट बिजनेस अवार्ड इनको ही मिल रहा रोकने की जिम्मेदारी दे रखी है जिनको वो भ्रष्ट बन उनके ही साथ मिलजुल रहा ©Vijay Vidrohi #जहरीली_हवा