चाहे इसे सात समुंद्र पिला दो भूख नहीं मिटती मन की चाहे इसे तीनों लोक दिला दो। इसकी आस बड़ी है इसकी प्यास बड़ी है। न थकती है न मिटती है। नित बदलती नित मचलती न पूरी होती न कहीं टिकती है। बेकार है काबू करने के प्रयत्न की। प्यास नहीं बुझती मन की भूख नहीं मिटती मन की। प्यास नहीं बुझती मन की... #प्यासनहींबुझती #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi