*झूम के तेरी जुल्फें मेरे चेहरे पर गिरती है* *मखमली अहसास से रोंगटे खड़े हो जाते है* जितेन्द्र शिवहरे *झूम के तेरी जुल्फें मेरे चेहरे पर गिरती है* *मखमली अहसास से रोंगटे खड़े हो जाते है* जितेन्द्र शिवहरे