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डूब रही सब उम्मीदें ना है आशा की किरणें क्या रहे

डूब रही सब उम्मीदें 
ना है आशा की किरणें 
क्या रहेगी बस अंधियारी 
या होगी भी सुबह नई  
मन तो कब का हार चुका 
हिम्मत भी साथ छोड़ रही 
लगता मुझको यही है खुदा की मर्ज़ी 
बीत रहे दिन राते भी है होती 
पर अब बची ना कोई हसरत मेरी 
कट जाए ये पल करती मन्नत यही 
शायद किसी और जहाँ में 
होगी मेरी सारी ख़्वाहिशें पूरी 
उगता सूरज होगी खिली सूरत मेरी 
इस कायनात में ना सही 
पर किसी कायनात में होगी 
हाथों में खुशियों की लकीरें सभी 
जो नाउम्मियाँ है बिखरी 
आस की किरणें कभी तो उगेगी 
तब तक हर गुजरता लम्हा 
सुनेगा कहानी मेरी 
ना टूटने की जिद को 
क्या तोड़ पाएगी वक्त की आँधी 
या गुजरता पल 
देगा मुझको मजबूती नई।  OPEN FOR COLLAB✨ #ATearthdaypic
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! 🌹

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
डूब रही सब उम्मीदें 
ना है आशा की किरणें 
क्या रहेगी बस अंधियारी 
या होगी भी सुबह नई  
मन तो कब का हार चुका 
हिम्मत भी साथ छोड़ रही 
लगता मुझको यही है खुदा की मर्ज़ी 
बीत रहे दिन राते भी है होती 
पर अब बची ना कोई हसरत मेरी 
कट जाए ये पल करती मन्नत यही 
शायद किसी और जहाँ में 
होगी मेरी सारी ख़्वाहिशें पूरी 
उगता सूरज होगी खिली सूरत मेरी 
इस कायनात में ना सही 
पर किसी कायनात में होगी 
हाथों में खुशियों की लकीरें सभी 
जो नाउम्मियाँ है बिखरी 
आस की किरणें कभी तो उगेगी 
तब तक हर गुजरता लम्हा 
सुनेगा कहानी मेरी 
ना टूटने की जिद को 
क्या तोड़ पाएगी वक्त की आँधी 
या गुजरता पल 
देगा मुझको मजबूती नई।  OPEN FOR COLLAB✨ #ATearthdaypic
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