छोटी -छोटी -सी जिंदगी हैं, कौन अपना, कौन पराया? सारे ही मेरे हैं, बात किसका करूँ हार जीत दोनोे मेरी ही है यहीं तो जिंदगी की रीत हैं, दिन#