तुम झील तो मैं कोई साहिल हूँ, बेइंतहा मोहब्बत है हमें एक दूसरे से। तूम मेरी गलियों के और मैं तेरी गलियों का जैसे भटकता हुआ कोई मुसाफ़िर हूं।। हमदोनों के मोहब्बत के सफर में मिलो का फासला है। जैसे तुम झील तो मैं कोई साहिल हूं।। #jhil #shahil #nojotopoem #myquotes