दरस फिर से दिखाओ तरसी और मायूस निगाहें, दुनिया में नज़ारे तो और भी, ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। एक झलक से मन न भरा, तुम्हें उम्रभर देखना, चेहरे तो और भी हैं जहां में, ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। सहारे तो और भी कई मिल जायेंगे हमको, हाथ थाम कर चलने के लिए, ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। पैरों में पहनने के लिए तो मेरे पास बहुत कुछ है, कदम से कदम मिलने के लिए ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। अक्षर तो कई उतारें हैं कोरे काग़ज़ पर मैंने, पर मेरे संग नाम जोड़ने को, ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। मेरी नज़्मों को पढ़ते तो बहुत से हैं 'भाग्य', पर मेरी ग़ज़ल सुनाने के लिए, ये दिल तो तुम्हें ही चाहे। ♥️ Challenge-816 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।