----"मायका"---- मायके जाती हूं, तो मेरा ही बैग मुझे चिढ़ाता है मेहमान हूं अब ये पल-पल मुझे बताता है... लो हर बार तुम्हारा कुछ न कुछ छूट जाता है और ये वक़्त परिंदा सा उड़ता जाता है... उंगलियो पर ले कर जाती हूँ गिनती के दिन फ़िसलते हुए जाने का दिन पास आता है... अब कब होगा आना सबका पूछना ये उदास भीतर तक बिखराता है बड़े बुजुर्ग बेटी कब आई, पूछने चले आते है... कब तक रहोगी पूछ अनजाने में वो घाव एक ओर गहरा कर जाते हैं तू एक मेहमान है... अब ये पल-पल मुझे बताता है मेरा घर मुझे वाक़ई बहुत याद आता है... 【Artist@niiPoet✍️】 #girl -----"Mayeka"----- #Artist@niiPoet✍️#Mayka#best line#BestQutoes#best Shayri#@nii