'तेरी बातों को मैं याद करता हूं' तेरी बातों को मैं याद करता हूं, खो लेता हूं तुझमें भुला कर ये जहां सारा। मुझे नहीं लगती अब लोगों की भीड़ अच्छी, एक मैं रहूं ,एक तू रहे, हो दुनिया से परे,साथ हमारा। तेरे नखरों को उठाऊं मैं,तू जो मांगे,तेरे लिए लाऊं मैं, तुझे अपनी आंखों में बसा ,अपनी मोहब्बत की दुनिया दिखाऊं मैं। मैं न रोकूं तुझे मोहब्बत की हदें पार करने से, सोहबत में तेरी,ना डरूं मैं भी कुछ कर गुजरने से। रहे अहसास हमारी मोहब्बत का जिंदा, हमारे दिलों की जमीन मैं मरने के बाद भी, खोदने पर ये जमीन मिले फल फूलता प्यार हमारा। तेरी बातों को मैं याद करता हूं, खो लेता हूं तुझमें भुला कर ये जहां सारा। मुझे नहीं लगती अब लोगों की भीड़ अच्छी, एक मैं रहूं ,एक तू रहे, हो दुनिया से परे,साथ हमारा। ©Ravindra Singh तेरी बातों को मैं याद करता हूं... #us